下載 र entarष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) वैश्विक परिधि में राष्ट्रव्यापी संगठन।।।। अपने स्वयंसेवकों (swayamswvak) के त्याग, तपस्या, समर्पण एवं ध्येयवादिता से संघ विश विशालतम संगठन के के में ज जा जा है।।। संगठन में में में ज ज ूप ूप ूप संगठन संगठन संगठन संगठन संगठन संगठन संगठन संगठन संगठन संगठन संगठन के के के के के के संघ (rashtriya swayamsevak sangh) से प्रेरणा प्राप्त कर समाज जीवन विशिष विशिष क न न न न न क क क केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल केवल संघ (rashtriya swayamsevak sangh) के विचार से अनुप्राणित संगठनों को एक सूत्र में समाहित करते हुए समाज ने संघ संघ सार किय किय न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न न
Komunitas Hindu ( Masyarakat Hindu ) अतः आत्मविस्मृति के कारण सुषुप्त हिंदू समाज को राष्ट्रीयता के एकसूत्र में आबद्ध करने हेतु र हुआ हुआ हुआ bers penting मातृभूमि के वैचारिक अधिष्ठान पर खड़ा यह संगठन वर्षों से अपनी ध्येयवादिता के साथ समाज में क% हिंदू समाज के अखंड विश्वास औanding
समाज की जागृति के लिए समय समय पर विद्वज्जनों के द्वारा विभिन्न विषयों अभिलक्षित कर पुस्तकों का प्रणयन किया जाता रहा है। इन पुस्तकों (Buku RSS PDF) के प्रतिपाद्य को किसी एक विषय की सीमा में बाँधना अतिशयोक्तिमूलक कहा जा सकता है।।।।।।।।।।।।।। राष्ट्रीयता (patriotisme) से ओतप्रोत, मातृभूमि के चिंतन से आवेष्टित, इतिहास के यथार्थ बोध से सिंचित सिंचित महत महत महत महत महतiring वर्षों की साधना का परिणाम है- संघ की विशिष्ट कार्यपद्धति और इस विशिष्ट कार्यपद्धति से क ।AN इसी कारण कार्यपद्धति, कार्यकर्ता और इनसे जुड़े अनेक विषयों को लेकर मार्गदर्शन करने के लिए अनेक पुस्तकें लिखकर unguशित की हैं।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के पुस्तकें, अपितु गुणवत्ता के कारण मूल्यवान् होती है। पुस्तक रूपी हीरे का मूल्य पाठक रूपी कोई जौहरी ही लगा सकता है। पुस्तकें व्यक्ति में सद्गुणों का आधान करती हैं, विचार की सरणि को दृढ़ करती है और जीवन की धारा को धार देती।। न केवल पुस्तक का पाठक अपितु पुस्तकों के संग्राहक को भी विद्याव्यसनी माना गया है।
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- वाचन द्वारा और २. श्रवण द्वारा
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संघ के विचampir किन्तु जबसे सोशल मीडिया के प्रयोग का प्रचलन बढ़ा है, तब से संघ स्थान पर अथवा अन्यत्र संघ के विचारकों द्वारा दिए गए सारगर्भित व्याख्यान (बौद्धिक / RSS Bauddhik) सुनने के लिए आतुर लोगों की जिज्ञासा के शमन के लिए सोशल मीडिया तथा इंटरनेट पर उपलब्ध उक्त उद्बोधनों का संकलन कर सर्वसुलभ कराने का कार्य संकल्पित है। इस एक प्लेटफारbanम पर किसी एक विषय को अभिलक्षित कर अनेक वक्ताओं के व्याख्यान को, इच्छानुसार, सुनने स्वतन्त्रता रहेगी।। perhatian यहाँ सुलभ व्याख्यानों के विषय की बहुलता भी श्रवणकर्ता को आनन्द प्रदान करने के लिए पर्याप्त जा सकती है।।।।।। के के ज ज ज ज ज के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के
अभिरुचि के अनुकूल श्रवणीय पुस्तकों का एकत्र भाण्डागार मन को सर्वथा परितोष प्रदान करने में समर्थ होगा। हमें पूर्ण विश्वास है कि श्रोतृवर्ग आकण्ठ तृप्त होकर ऑडियो कुंभ के संकलन विस्तीर्ण करने के लिए अनुदिन प्रेरित करता omat।।।। के के के के हेग हेग हेग हेग केnya हर्ष का अनुभव हो रहा है कि ऑडियो कुंभ स साaru एवं स स क ही ही ही ही क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क पुस्तकों एवं व्याख्यानों के संकलन की श्रीवृद्धि का कार्य सतत गतिशील हने वाला है। हम नित्य नूतन संकलन करते रहेंगे और आपकी सेवा में सर्वथा संलग्न रहेंगे।